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क्यों मनाया जाता है यह पर्व –
जी हाँ दीपों का यह पर्व हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है | यह त्यौहार सम्पूर्ण रूप से भगवान राम को समर्पित है | जब भगवान श्री राम माता सीता वा भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष का वनवास सम्पूर्ण करके अयोध्या नगरी वापस लौटे तो उनके स्वागत में समस्त सभी ने दीप प्रज्ज्वलित कर उनका स्वागत किया था | और एक दुसरे को मिठाई आदि खिलाकर ख़ुशी मनाई थी | तभी से यह पर्व हर वर्ष बड़ी ही धूम धाम से मनाया जाता है |
दीपावली की शुभ तिथि-
अबकी बार दिवाली का यह त्यौहार हिन्दू पंचांग के अनुसार 4 नवंबर दिन गुरूवार को मनाया जायेगा और लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 09 मिनट से रात 08 बजकर 20 मिनट तक चलेगा.
शुभ पूजा मुहूर्त –
लक्ष्मी पूजा बृहस्पतिवार, नवम्बर 4, 2021 पर
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त :18:10:29 से 20:06:20 तक
अवधि :1 घंटे 55 मिनट
प्रदोष काल :17:34:09 से 20:10:27 तक
वृषभ काल :18:10:29 से 20:06:20 तक
अमावस्या तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 04, 2021 को 06:03 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त – नवम्बर 05, 2021 को 02:44 बजे
माता लक्ष्मी की पूजा
इस दिन की पूजा भगवान विष्णु की पत्नी माता लक्ष्मी को समर्पित होती है ,इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा बड़े ही विधि विधान वा श्रध्दा भाव से की जाती है | और माता लक्ष्मी भी अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाकर उन्हें धन ,सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं | माँ लक्ष्य के साथ साथ गणेश जी की पूजा अर्चना कर उन्हें भी प्रसाद बगैरा अर्पण किया जाता है |
पूजा – विधि
स्नान आदि से निवृत होकर पूजा की थाल सजाकर भगवान गणेश ,माता लक्ष्मी ,माता सरस्वती वा कुबेर महाराज की पूजा बड़े ही साफ़ स्वच्छ मन से करे ,और मेवा मिष्ठान ,फलाहार आदि का भोग सभी को चढ़ाकर उनकी आरती गायें और बाद में सभी को प्रसाद वितरण करें
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