Trending New: देश में एक शहर को दूसरे शहर से जोड़ने के लिये रेल लाइन, ब्रिज, सडक इन सभी का निर्माण काफी जोरो शोरो के साथ में किया जा रहा है। ऐसे ही ब्रिज का निर्माण रामेश्वर से लेकर तमिलनाडू के मेनलैंड तक हो रहा है।
इस ब्रिज का नाम पंबन सी ब्रिज है। जिसका काम लगभग पूरा ही होने वाला है। इस पुल की बात करे, तो यह पुल पूरे 2.5 किलोमीटर लंबा है। यह जो नया ब्रिज अब निर्मित किया जा रहा है, यह पुराने ब्रिज से पूरे 3 मीटर की ऊंचाई पर है।
लेकिन यह पंबन ब्रिज जो की रामेश्वर से मेनलैंड के मध्य में बन रहा है। इसके वर्टिकल ब्रिज (Vertical Lift Sea Bridge) के निर्मित होने का 84 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। ऐसी खबर है, कि इस साल ही मार्च 2023 तक इस ब्रिज का उद्घाटन भी जो जायेगा।
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रेल विभाग द्वारा रामेश्वर से मेनलैंड तक पंबन ब्रिज जल्दी बनकर तैयार होने वाला है
पंबन ब्रिज (Pamban Bridge) एक ऐसा पहला ब्रिज (India’s first vertical lift sea bridge) होगा जो की रामेश्वर को मुख्य भूमि से कनेक्ट करेगा। और इस पुल को हमारी भारतीय रेल द्वारा विकसित किया जा रहा है। इसका निर्माण भारतीय रेल ही करवा रही है। इस विषय में स्वयं रेल मंत्रालय द्वारा ही बयान देकर बताया गया है।
रेल मंत्रालय अपने आधिकारिक ब्यान में यह कहा है, कि पंबन ब्रिज 2.05 लंबा रामेश्वर द्वीप को तमिलनाडू मेनलेंड से जोड़ने वाला ब्रिज है। जिसका अभी तक 84 फीसदी काम कम्पलीट कर दिया गया है। कुछ ही समय में यह ब्रिज पूरी तरह बनकर भी तेयार हो जायेगा जिसके साथ ही इसका 2023 मार्च में उद्घाटन भी कर दिया जायेगा।
ब्रिज को बनाने में 535 करोड़ रूपये का खर्चा आ रहा है
यह जो ब्रिज निर्मित किया जा रहा है, उस पर रेल मंत्रालय ने भी कुछ बाते कही है। रेल मंत्रालय ने कहा है, कि इस समुद्री पुल को निर्मित करने का काम रेल विकास निगम द्वारा किया जा रहा है। इस ब्रिज को निर्मित करने की लागत लगभग 535 करोड़ रूपये होगी।
यह ब्रिज इतना मजबूत होगा कि, इस पर काफी तेज गति वाली ट्रेन भी आसानी से गुजर पाएंगी। इन सब के बाद यह ब्रिज जब निर्मित हो जायेगा, तो इसकी सबसे खास बात यह होगी, कि इससे रामेश्वरम तथा मेनलैंण्ड के मध्य में आवागमन बहुत ही ज्यादा बढ़ेगा। इससे जाने वाले लोगो का नंबर काफी बढ़ेगा।
यह ब्रिज 1914 में किया गया था निर्मित 105 साल पुराना है
रेल मंत्रालय ने जो खबर बताई है, उसी के हिसाब से इस ब्रिज के 333 पिलर बनकर पूरे तैयार हो चुके है। और ऊपर के 101 पिलर भी बनकर तैयार हो चुके है। वही 99 जो फेब्रिकेशन का काम है वह भी पूरा हो चुका है। वर्टिकल लिफट स्पैन गर्डर व ट्रेक बिछाने का काम यह भी पूरा होने ही वाला है।
अगर हम बात करे इस ब्रिज के इतिहास की, तो यह ब्रिज पूरे 105 साल पुराना ब्रिज है। इस ब्रिज को सन 1914 में मुडपम तथा रामेश्वर को जोडने के लिये मन्नार की खाड़ी मे बनाया गया था। सन 1988 में इस पर रोड ब्रिज को भी निर्मित कर दिया गया था। इस नये ब्रिज के बनने के पहले इस मार्ग पर पुराने पंबन ब्रिज द्वारा ही आना जाना किया जाता था।
80 किलोमीटर की स्पीड वाली ट्रेन आसानी से गुजर सकेंगी इस ब्रिज पर
पंबन ब्रिज जो अब निर्मित किया जा रहा है वह हाइटेक इंजीनियरिंग का एक नमूना है। इस पर 18.0 मीटर तथा 100 स्पैन है। यह पूल पूरे 3 मीटर ऊँचा है। इस ब्रिज को इस प्रकार निर्मित किया जा रहा है कि इसके नीचे से आसानी से बड़े पोत निकल जाये। वही इसमें वर्टिकल लिफ्ट का भी सिस्टम मौजूद है।
इस ब्रिज का एक हिस्सा लिफ्ट के समान उठकर विभिन्न जहाजो को आने जाने के लिये रास्ता भी दे देगा। यह पुल इतना मजबूत है कि इसमें 80 किलोमीटर की स्पीड वाली ट्रेन आसानी से दोड़ सकेंगी। आने वाले समय मे यह ब्रिज लोगो द्वारा सबसे अधिक उपयोग किये जाने वाले ब्रिज की लिस्ट मे भी शमिल हो जायेगा।
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