पर्यटकों की पहली पसंद है यह जगह, राजस्थान में भी एक स्विट्ज़रलैंड मौजूद है और इन मशहूर फिल्मों की शूटिंग हुई

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rajasthan kishangarh

पर्यटकों की पहली पसंद है यह जगह, राजस्थान में भी एक स्विट्ज़रलैंड मौजूद है और इन मशहूर फिल्मों की शूटिंग हुई

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rajasthan kishangarh

राजस्थान (Rajasthan) भारत का सबसे बड़ा राज्य है और यहाँ की संस्कृति और सभ्यता पूरी देश में सबसे अलग है। यहाँ के खाने से लेकर पहनावा तक बहुत ही खास है। राजस्थान की राजधानी जयपुर (Jaipur) है। यहाँ पर ढेर सारे महल है। राजस्थान की हर एक चीज़ अपने मे बहुत खास है।

यहाँ पर बहुत बड़े बड़े रेत के टीले होते है। यहाँ दिन में तेज़ धूप और रात के समय ठंडी हवाएं बहती है। ऐसे में हम कहे की राजस्थान में स्विट्ज़रलेंड जैसा इलाका भी है, तो आपको लगेगा कि ऐसा कैसे हो सकता है। परंतु आपको बता दें राजस्थान में भी अपना एक स्विज़रलेंड है, जहाँ की वादियों में बॉलीवुड की ढेरों फिल्म की शूटिंग हुई है।

आपको बता दें कि बागी-3 मूवी का एक गाना है, जिसमे बर्फीली वादियों के सीन की शूटिंग हुई है, वह भी राजस्थान में हुई है। साथ ही सलमान खान और सोनाक्षी सिन्हा की मूवी दबंग-3 का “यू करके” गाना भी यही शूट किया गया है। कपिल शर्मा की मूवी “किस किसको प्यार करुं” का एक गाना और भी बहुत से एल्बम गाने की शूटिंग राजस्थान के किशनगढ़ (Kishangarh) में शूट किये गये हैं।

किशनगढ़ डंपिंग यार्ड राजस्थान के अजमेर जिले में है। किशनगढ़ में फिल्मों की शूटिंग, प्रीवेडिंग शूट और घुमने के लिए एक सबसे अच्छा और लोकप्रिय स्थान है। इसे राजस्थान का मूनलैंड, राजस्थान का कश्मीर और राजस्थान का स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है, तो आइए हम बात करते है किशनगढ़ की।

किशनगढ़ की बनावट और उसका इतिहास

kishangarh history
Kishangarh History

राजस्थान राज्य के अजमेर (Ajmer District) जिले का किशनगढ़ शहर अरावली पर्वतमाला पर बसा हुआ है। यह अजमेर जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर और जयपुर से 100 किलोमीटर की दुरी पर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 पर बना हुआ है। यह देश के सभी भागों से सड़क, रेल एवं हवाई तीनों मार्ग से कनेक्टेड है।

किशनगढ़ में भी एयरपोर्ट सुविधा है, जहां से हैदराबाद दिल्ली, सूरत, अहमदाबाद, इंदौर एवं उदयपुर जैसे शहरों के लिए लगातार हवाई जहाज उड़ान भरते है। अरावली की पहाड़ियां नेफ्लीन सायनाइट नामक पत्थर के लिए देश भर में प्रसिद्ध हैं।

किशनगढ़ में राठौड़ वंश की स्थापना 1609 में जोधपुर के शासक मोटाराजा उदयसिंह के पुत्र किशनसिंह ने की थी। मुगल शासक जहांगीर ने राठोरो को महाराजा की पदवी दी थी। किशनसिंह के नाम पर 1612 ई. में किशनगढ़ नगर बसाया गया। 25 मार्च 1948 को पुनः किशनगढ़ को राजस्थान में मिला दिया गया। किशनगढ़ नगर में किशनगढ़ का किला, फूल महल पैलेस, गुंदलाव झील, खोड़ा गणेश जी मंदिर, नवग्रह मंदिर एवं डंपिंग यार्ड काफी प्रसिद्धस्थल हैं।

किशनगढ़ की शूटिंग लोकेशन

आप यकीन नहीं करेंगे जिसने भी किशनगढ़ यार्ड (Kishangarh Dump Yard) की पहली झलक देखी तो यह जगह सभी की उम्मीद से कहीं ज्यादा खूबसूरत थी। वहा का नजारा देखकर लग रहा था, जैसे हम कश्मीर आ गए हो। हर तरह दूर दूर तक फैली बर्फ जैसी चादर और उसके साथ ही साफ पानी की झीलें।

यहां का पानी एकदम साफ और सफेद सतह के कारण आसमान के रंग जैसा पानी नीला दिखाई पड़ता है, जो देखने में काफी सुन्दर लगता है। देखने मे इतना आकर्षक होता है कि सभी को अपनी ओर आकर्षित करता है।

झरने के किनारे आपको पर्यटक अपनी खूबसूरत यादो को अपने कैमरे में समेटते दिखाई पड़ते है। थोड़े समय के लिए आप भूल जाएंगे की ये मार्बल डंपिंग यार्ड है, क्योंकि सफेद मैदान के बीच में नीले रंग की झील देख कर आप हैरान हो जाएंगे और प्रकृति की सुंदरता को देखते ही रह जाएंगे।

किशनगढ़ की बनी-ठनी चित्रकारी कला

bani thani painting

राजस्थान अपनी चित्रकारी के लिए भी जाना जाता है। इसी लिए किशनगढ़ भी अपनी अद्भुत चित्रकारी के लिए फेमस है। बनी-ठनी नाम की यह चित्रकारी सबसे लोकप्रिय है। इस विशेष चित्रकारी को राजस्थान की मोनालिसा कहा जाता है। बनी-ठनी किशनगढ़ के एक कवि राजा सावंत सिंह के दरबार में एक कवयित्री थी, जो बहुत ही सुन्दर थी। इसे सबसे अच्छी पेंटिंग इसलिए भी माना जाता है, क्योंकि भारत सरकार ने बनी-ठनी पर डाक टिकट जारी किया था।

यह एक औद्योगिक नगरी भी है

किशनगढ़ यार्ड मार्बल के पत्थर (Marble Rock Stone) से बना है। किशनगढ़ अभी के समय में पुरे भारत में मार्बल मंडी के रूप में प्रसिद्ध है। राजस्थान में देश-विदेश से लोग मार्बल एवं ग्रेनाइट पत्थर खरीदने आते हैं। यहाँ हजारो मार्बल के गोदाम, गैंगसा, कटर स्थित हैं और बहुत से आसपास के गांवों के मजदूर रोजगार की तलाश में यहां आते हैं।

मार्बल व्यवसाय आसपास के लाखों लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देता है। मार्बल के लिए प्रसिद्ध मकराना शहर किशनगढ़ से करीब 60 किलोमीटर दूरी पर है। मकराना शहर से भी मार्बल बिक्री के लिए किशनगढ़ शहर में आता है और वंडर मार्बल एवं वंडर सीमेंट का मुख्यालय आरके ग्रुप नाम से किशनगढ़ में है।

किशनगढ़ शहर अपने प्राचीन चरी नृत्य के लिए भी काफी फेमस है। यहाँ की महिलाएं चरी नृत्य में काफी अच्छी होती है। किशनगढ़ शहर अपने खानपान के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है, यहां के मक्खन बड़े और नमकीन देश भर में बड़े स्वाद से खाए जाते हैं। यहाँ के सभी लोग प्रेम से और एक जुट मिल कर अपनी एकता का प्रतिक देते है।

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