Dharmik: सावन का महीना सबसे पावन महीना माना गया है। क्योंकि यह महीना शिवजी की आराधना में बीतता है। शिवजी के कई नाम है भोलेबाबा, शंकरजी, केलाशपति आदि जैसा नाम है वैसे काम भी भोले को प्रसन्न करना बेहद आसान हैं। भंग, धतूरा, बेलपत्र, अक्षत, भस्म इनका सबसे प्रिय वस्तु है। शिवजी का क्रोध पूरी धरती को खत्म करने का बल रखता है।
हर वर्ष सावन महीना लोग खूब धूमधाम से मनाते है। शिव जी की पूजा करते है, उनका अभिषेक उनके पसंद के पकवान बना कर उनके भोग लगाते है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सावन महीना आने वाला है और लोग जोरों शोरों से तैयारी कर रहे है।
दुनिया में हर व्यक्ति ईश्वर को किसी न किसी रूप में मानता है। जैसे दुनिया में धर्मो के धार्मिक ग्रंथ है, वैसे ही हिंदुओ में भगवत गीता धार्मिक ग्रंथ है। शिव पुराण में शिव की महीना बहुत अच्छे से समझाई गई है। कहने को तो भोले बहुत भोले है, परंतु उनका क्रोध धरती का विनाश कर सकता है।
शिव जी का दूसरा रूप महाकाल का है। जो उज्जैन के महाकाल के नाम से विख्यात है। शिव अभिषेक में 108 बेलपत्र (Vine Leaves) चढ़ा कर अभिषेक पूरा माना जाता है। यह तो हर कोई जानता है की बिना बेलपत्र के शिव पूजन अधूरा होता है। आज की इस पोस्ट में हम शिव जी (Shivji) और उनके बेलपत्र की महिमा के बारे में जानेंगे।
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सावन महीना और बेलपत्र
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— Pt. Gajanan Krishna Maharaj (Astro- Counsellor) (@gkmastrology) August 7, 2021
Why is Bel Patra Offered To Shiva.?
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Hindus believe that the knowledge of medicinal plants is older than history itself, that it was gifted hundreds of thousands of years ago to the Vedic Hindus by Lord Brahma, the divine creator himself. Thus when the Rishis of the pic.twitter.com/mQOh0O7ERL
सावन के पावन महीने में बेल पत्र का प्रयोग काफी अधिक होता है। भोले नाथ (Bholenath) के पूजन में बेलपत्र का इस्तेमाल बहुत ज्यादा होता है। बेलपत्र के चमत्कारी प्रभावों का वर्णन धर्म ग्रंथ में भी लिखा हुआ है। धर्म, ज्योतिष और वास्तु के लिए यह बहुत ही शुभ माना है। बेल पत्र का एक पौधा (BelPatra Plant) घर में लगाने से आपका जीवन खुशीयों से भर जाएगा साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा आप पर दिखने लगेगी।
इस वर्ष सावन (Month Of Sawan) का महीना 14 जुलाई 2022 से प्रारंभ होने वाला है। यह महीना भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए है। काफी धार्मिक महीना है। इस महीने में भगवान शिव को बेल, धतूरा, पंचामृत, भंग, फल आदि उनके चरणों में समर्पित किये जाते है।
वास्तु दोष निवारण में उपयोगी है बेल का पौधा
Go Green!
— Pragati Ghadge (@PG18588201) April 1, 2022
Today, look what I bought at home..A Bel Patra tree, Bel Tree, Bilva Patra, Aegle Marmelos 🌿
A new family member !
Lord Shiva's favorite!
My love for green, nature and plants!
Home nursery 🌴🌻🌼 pic.twitter.com/pe2KJQnpIA
हिंदू धर्म के मुताबिक वास्तु शास्त्र का बहुत अधिक महत्व है। यह आपके जीवन के अच्छे और बुरे वक्त का निर्धारण करता है। बेल का पेड़ वास्तु शास्त्र के लिए बहुत शुभ माना गया है। जिस घर में बेल का पौधा लगा होता है उस घर में हर प्रकार के वास्तु दोष समाप्त हो जाता है।
शिव पुराण में बेल के पेड़ की महिमा का वर्णन है जिसमे बताया गया है की जिस स्थान पर बेल का पौधा लगा हुआ है वह स्थान बनासर के काशी तीर्थ की तरह पवित्र हो जाता है। साथ ही बेल का पौधा घर में सुख-समृद्धि लाता है।
बेलपत्र एक चमत्कारी पौधा
Bel Patra plant at my house pic.twitter.com/q95uXuoo9d
— Shailaja Mantri (@ShailajaMantri) July 5, 2020
बहुत से घरो में बेल पत्र का पौधा लगा होता। लोगो की मानता है की जिस घर में बेल का वृक्ष लगा हुआ होता है उस घर में भगवान शिव स्वयं विराजमान होते है और अपनी कृपा दृष्टि उस घर के लोगो पर बनाए रखते हैं। उस घर में कभी संकट की दस्तक नही होती और हमेशा घर खुशहाली से फलता फूलता रहता है।
बेल के पौधा में मां लक्ष्मी वास करती है। यदि यह वृक्ष किसी के घर में लगा है, तो वो घर हमेसा धन धान्य रहता है। बेल का वृक्ष रोपित करते ही उस घर की परिस्थितियां बदलने लगती है। वे हर दिन तरक्की करने लगते है। घर में अन्न रूपी धन के भंडार भरने लगते हैं। बेल के पत्ते को धन संग्रहित स्थान पर रखने से आपको अधिक लाभ हो सकता है।
बदनजर से घर की रक्षा करता है
जो व्यक्ति बेल का वृक्ष का रोपण करता है। उस व्यक्ति के जीवन भर के पाप समाप्त हो जाते है और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है और जब तक जीवन होता है, तब तक सुख और शांति बनी रहती है।
वैसे तो हर वृक्ष में देवताओं का वास होता है, परंतु बेल के वृक्ष में 36 कोटि के देवी देवता निवास करते है। यह पेड़ पॉजिटिव एनर्जी प्रेड्यूज करता है। जिससे घर परिवार के व्यक्ति तेजस्वी और ऊर्जावान रहते है। घर में बेल के पौधे लगे होने से टोने-टोटके और बंद नजर का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. netkosh.Com इसकी पुष्टि नहीं करता. इन्हें अपनाने से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.