तो इस वीडियो में हम बात करेंगे दिल्ली के घूमने लाइक प्रमुख स्थान के बारे में
तो चलिए जानते है दिल्ली की बेहद खूबसूरत टॉप मोस्ट घूमने लाइक जगहों क बारे में
1- बहाई मंदिर
बहाई मंदिर नेहरु प्लेस के पूर्व में कालकाजी मंदिर के नज़दीक स्थित है यह मंदिर शुद्ध सफेद संगमरमर से निर्मित है। इसके शिल्पकार फ्यूरीबुर्ज सबा ने कमल को प्रतीक के रूप में चुना जो हिन्दू, बौद्ध, जैन और इस्लाम धर्म में समान है। बहाई टेम्पल प्रत्येक सम्प्रदाय के अनुयायी मंदिर में निःशुल्क प्रवेश कर सकते हैं और प्रार्थना अथवा ध्यान कर सकते हैं।कमल की खिली हुई पंखुड़ियों के चारों ओर पानी के नौ तालाब है, जो प्राकृतिक प्रकाश में प्रकाशमान होते हैं। गोधूलि वेला में रोशनी में नहाया बहाई मंदिर शानदार दिखाई देता है।
2- अक्षरधाम मंदिर
नई दिल्ली में स्थित स्वामीनारायण अक्षरधाम जो 10,000 वर्ष पुरानी भारतीय संस्कृति के प्रतीक को बहुत विस्मयकारी, सुंदर, बुद्धिमत्तापूर्ण और सुखद रूप से प्रस्तुत करता है। यह भारतीय शिल्पकला, परंपराओं और प्राचीन आध्यात्मिक संदेशों के तत्वों को शानदार ढंग से दिखाता है। अक्षरधाम एक ज्ञानवर्धक यात्रा का ऐसा अनुभव है जो मानवता की प्रगति, खुशियों और सौहार्दता के लिए भारत की शानदार कला, मूल्यों और योगदान का वर्णन करता है।
स्वामीनारायण अक्षरधाम परिसर का निर्माण कार्य एचडीएच प्रमुख बोचासन के स्वामी महाराज श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के आशीर्वाद से और 11,000 कारीगरों और हज़ारों बीएपीएस स्वयंसेवकों के विराट धार्मिक प्रयासों से केवल पांच वर्ष में पूरा हुआ। गिनेज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज़ विश्व के सबसे बड़े विस्तृत हिंदू मंदिर, परिसर का उद्घाटन 6 नवंबर, 2005 को किया गया था।
3- गुरुद्वरा बंगला साहिब
गुरुद्वारा बंगला साहिब दिल्ली के सबसे महत्वपूर्ण गुरुद्वारों में से एक है। यह अपने स्वर्ण मंडित गुम्बद शिखर से एकदम ही पहचान में आ जाता है। यह नई दिल्ली के बाबा खड़गसिंह मार्ग पर गोल मार्किट, नई दिल्ली के निकट स्थित है।
यह गुरुद्वारा मूलतः एक बंगला था, जो जयपुर के महाराजा जयसिंह का था। सिखों के आठवें गुरु गुरु हर किशन सिंह यहां अपने दिल्ली प्रवास के दौरान रहे थे। उस समय चेचक (स्माल पॉक्स) और हैजा की बिमारियां फैली हुई थीं। गुरु महाराज ने उन बीमारियों के मरीजों को अपने आवास से जल और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराईं थीं। अब यह जल स्वास्थ्य वर्धक, आरोग्य वर्धक और पवित्र माना जाता है और विश्व भर के सिखों द्वारा ले जाया जाता है। यह गुरुद्वारा अब सिखों और हिन्दुओं के लिए एक पवित्र तीर्थ है।
4- कुतुब मीनार
दिल्ली के पहले मुस्लिम शासक कुतुबुद्धीन ऐबक ने 1200 ई. में इसके निर्माण कार्य शुरु कराया किन्तु वे केवल इसका आधार ही पूरा कर पाए थे। इनके उत्तराधिकारी अल्तमश ने इसकी तीन मंजिलें बनाई और 1368 में फिरोजशाह तुगलक ने पांचवीं और अंतिम मंजिल बनवाई थी।प्रत्येक मंजिल में एक बालकनी है और इसका आधार 1.5 मी. व्यास का है जो धीरे-धीरे कम होते हुए शीर्ष पर 2.5 मीटर का व्यास रह जाता है और पहली तीन मंजिलें लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है और चौथी तथा पांचवीं मंजिलें मार्बल और बलुआ पत्थरों से निर्मित हैं।
5- लाल किला
इस विशाल लाल किला की लाल बालुई पत्थर की दीवारें जमीन से 33 मीटर ऊंची हैं जो मुगल शासकों की राजसी शक्ति और प्रताप की याद दिलाती है। 1638 में निर्मित इस प्राचीर का निर्माण मुख्यत: आक्रमणकारियों से बचाने के लिए किया गया था। अब यह शहर के शोर शराबे से बचाती हैं।
लाहौरी गेट इसका मुख्य द्वार है जो आधुनिक भारत देश की भावनात्मक प्रतीक का परिचायक है जहां स्वतंत्रता दिवस पर हजारों की संख्या में लोग एकत्रित होते हैं।
मेहराबी पथ वाले छत्ता चौक बाजार में सस्ती चीजें मिलती हैं। यह मार्ग किले के वृहत प्रागंण की तरफ जाता है। इसके अंदर कई महत्वपूर्ण इमारतें जैसे – ड्रम हाउस, दीवान-ए-खास, दीवान-ए-आम, मोतिया मस्जिद, शाही हमाम तथा रंग महल स्थापित किए गए हैं। शाम के समय में यहां किले से संबंधित और भारतीय इतिहास की घटनाओं को “लाइट एंड साउंड” के रूप में दिखाया जाता है।