डिजिटल मार्केटिंग नाम से ही पता चलता है, यह एक तरह की मार्केटिंग है.
इसके साथ डिजिटल लगा हुआ है इसका मतलब डिजिटल, गैजेट प्रयोग करके ऑनलाइन मार्केटिंग करना है.
बदलते समय में सभी काम को करने का तरीका बदलता जा रहा है. यहाँ दो शब्दों का प्रयोग किया गया है. दोनों
ही शब्द बहुत ही लोकप्रिय शब्द है.
डिजिटल
यहाँ पर डिजिटल का मतलब कंप्यूटर और इन्टरनेट से है जो एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है. रोटी कपड़ा की तरह कंप्यूटर
और इंटरनेट भी जरूरत में शामिल हो चुका है. आज के समय में हम सभी इंटरनेट कनेक्शन और मोबाइल
या लैपटॉप चाहिए. इन्टरनेट के बिना कुछ अधुरा लगता है. आज इन्टरनेट की वजह से ही हम और आप इस वेबसाइट पर मिल रहे हैं.मार्केटिंग
मार्केटिंग का मतलब हिंदी में विपणन होता है. लेकिन इतना शुद्ध हिंदी भी समझ नहीं आता है. आप सभी मार्केटिंग का
मतलब जरूर जानते होंगे. मार्केटिंग का मतलब है प्रोडक्ट या सर्विसेज का इनफार्मेशन उपभोक्ताओं
तक पहुचाना. कुछ लोग मार्केटिंग का मतलब बेचना समझते है. ऐसा बिलकुल भी नहीं है. लेकिन कुछ कंपनी मार्केटिंग
के बन्दे से ही सेल्स का काम करवाती है. मार्केटिंग और सेल्स दोनों का रोल अलग-अलग है.कंप्यूटर और इंटरनेट की मदद से प्रोडक्ट या सर्विसेज को प्रमोट करना ही डिजिटल
मार्केटिंग कहलाता हैं. इसमें ग्राहक को टारगेट करना बहुत आसान है. ऑफलाइन
ऐड्वॅरटाइस जैसे न्यूज़ पेपर, हैंडबिल, होर्डिंग्स इन सभी कंपनी में अपना ऐड
दिखता है. लेकिन डिजिटल में सिर्फ टारगेट ग्राहक को ही ऐड दिखता है.
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क्यों डिजिटल मार्केटिंग ?
डिजिटल मार्केटिंग से कम खर्च में ज्यादा अच्छा रिजल्ट मिल जाता है साथ ही ऐड्वॅरटाइस कैंपेन को ट्रैक
भी कर सकते हो. आज के समय में लोगों के पास समय का आभाव हो गया है. ऐसे में होर्डिंग्स या न्यूज़ पेपर में लगे
ऐड की तरफ ध्यान नहीं देता है. डिजिटल मार्केटिंग के एक्सिस्टेंस का यही वजह है. समय के साथ सभी लोग
ऑनलाइन हो रहे हैं और होना भी चाह रहे हैं. सभी लोग अपने काम के लिए कंप्यूटर और इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं.
लोगों के ऑनलाइन होने मतलब इंटरनेट उसे करने के पीछे कई कारण है.
- नए प्रोडक्ट, सर्विस, प्लेस, इंस्टिट्यूट की जानकारी
- किसी विषय पर अपने प्रश्न के उत्तर के लिए
एजुकेशन के लिए - मैट्रिमोनियल हेल्प
जॉब वसांइस - नई बिज़नेस आईडिया
- अद्वेर्तीसे आईडिया
- ऑनलाइन बिज़नेस
- मोबाइल रिचार्ज और बिल पेमेंट
- ट्रैन रिजर्वेशन
- प्रोडक्ट सेल परचेस
इसके अलावे भी कई काम है जिस वजह से यूजर ऑनलाइन हो रहे हैं. आप ऑनलाइन क्यों होते हो कमेंट में जरूर बताओ.
डिजिटल होने से समय और पैसा दोनों बचता है. छोटा बिज़नेस प्रमोशन के लिए भी यह बहुत कारगर है.
डिजिटल मार्केटिंग के फायदे
दो तरीके से मार्केटिंग की जाती है. पहला ट्रेडिशनल (पारंपरिक) दूसरा मॉडर्न (आधुनिक) दोनों अपनी जगह
पर इफेक्टिव है. ट्रेडिशनल मार्केटिंग की तुलना में डिजिटल मार्केटिंग निम्नलिखत कारणों से ज्यादा उपयोगी है
- किफायती होता है.
- इसका रिजल्ट अच्छा मिलता है.
- आसानी से रिलेटेड ग्राहकों को टारगेट किया जा सकता है.
- इसे मॉनिटर करना आसान होता है.
- ब्रांडिंग के लिए यह बहुत उपयोगी होता है.
- ग्राहक से फीडबैक लेना आसान होता है.
- इन्क्वारी को सेल में जल्दी और आसानी से बदलता है.
- ओवरआल खर्च कम करता है.
- रिपोर्ट बनाना आसान होता है.
डिजिटल मार्केटिंग के लिए क्या करना होता है ?
- वेबसाइट
- सोशल मीडिया प्रजेंस
- एस ई ओ की जानकारी
- इंटरनेट की जानकारी
- ऐड्वॅरटाइस कैंपेन की जानकारी
- कंटेंट लिखने की जानकारी
डिजिटल मार्केटिंग कैसे करें?
इसके लिए वेबसाइट और एस ई ओ का जानकारी होना आवश्यक है. जब लोग ऑनलाइन होना शुरू किये तो अपने दैनिक
काम और कुछ इनफार्मेशन के लिए इंटरनेट पर डिपेंडेंट होना शुरू हो गए. ऐसे में प्रोडक्ट और
सर्विस प्रोवाइडर कंपनी, ग्राहक के लिए ऑनलाइन ऐड्वॅरटाइस शुरू किये. फ्री
में बिज़नस प्रमोशन के लिए यह बहुत ही कारगर हथियार है. कहने को तो यह फ्री है. लेकिन, ऐसा नहीं है. इसके लिए
आपको समय देना होता है, हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत होती है. जिनके पास समय है वो
खुद से करते हैं जिनके पास समय नहीं है या जानकारी नहीं है वो SEO प्रोफेशनल को पकड़ते हैं.
एस ई ओ (सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन ) इसे सिखाने के लिए कई इंस्टिट्यूट हैं लेकिन, जब तक किसी
लाइव प्रोजेक्ट पर काम नहीं करेंगे इसका ज्ञान होना असंभव है. एक होता है एस ई ओ के बारें में पता है. एक होता है एक्सपीरियंस है.
काम करने के बाद ही एक्सपीरियंस मिलता है. यदि एस ई ओ में कोई प्रॉब्लम है तो इस ब्लॉग के एस ई ओ केटेगरी में लिखे गए
ब्लॉग को पढ़ें उम्मीद करता हूँ आप भी एक अच्छा एस ई ओ प्रोफेशनल बन जायेंगे.
आज कंपनी, कोचिंग इंस्टिट्यूट, स्कूल, कॉलेजेस से लेकर राजनीतिक पार्टियाँ भी अपने पार्टी की प्रचार के लिए
डिजिटल ऑनलाइन इंटरनेट मार्केटिंग का सहारा ले रही है, और सफल भी हो रही है. तो आइये जानते है की इस
डिजिटल मार्केटिंग के द्वारा किस-किस प्रकार से ऐड्वॅरटाइसिंग कर सकते है.
- डिस्प्ले ऐड्वॅरटाइसिंग
- ब्लॉग्गिंग ऐड्
- टेक्स्ट ऐड्
- एस ई ओ (सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन)
- स्पॉन्सर्ड सर्च
- सोशल मीडिया मार्केटिंग
- मोबाइल ऐड्
- ईमेल मार्केटिंग या ईमेल ऐड्स
- चाट ऐड्
- फ्लोटिंग ऐड्
- वेब बैनर ऐड्
- फ्रेम ऐड्
- पॉप- अप / पॉप अंडर ऐड्
- एक्सपैंडिंग ऐड्वॅरटाइसिंग
- ट्रिक बैनर
- इंटरस्टिटयाल ऐड्
- ऑनलाइन क्लासिफाइड ऐड्
- ऐड्वर्ड्स
- सप्लीमेंटल मार्केटिंग
डिजिटल मार्केटिंग से पैसे कैसे कमायें
किसी भी प्रोफेशन से पैसा कमाने के लिए उसके बारें में वर्किंग नॉलेज की जरूरत है. इसीलिए
डिजिटल मार्केटिंग से पैसे कमाने के लिए इसके बारें में भी वर्किंग नॉलेज का होना बहुत जरूरी है.
इसके लिए डिजिटल मार्केटिंग कैसे करें मेरे बताये गए सभी पॉइंट्स के बारें में जानकारी होना जरूरी है.
- इससे पैसे कमाने के लिए सबसे आसान तरीका ब्लॉग्गिंग है. एक माइक्रो निचे साइट बनाये और रिलेटेड
सर्विस और प्रोडक्ट सेलर कंपनी को ऐड्वॅरटाइसमेन्ट के लिए मेल भेजें. अब तक आपका
कोई प्रोडक्ट नहीं होगा कोई भी आपको ऐड् नहीं देगा. - लोकल मार्केटिंग करके भी क्लाइंट बना सकते हैं. जैसे स्कूल, कॉलेज, कोचिंग इंस्टिट्यूट,
सैलून, ब्यूटी पारलर, मेसेज पारलर, इवेंट कंपनी को डिजिटल ऐड्वॅरटाइसिंग
की जरूरत सबसे ज्यादा होती है. - डिजिटल मार्केटिंग का काम मेट्रो सिटी में जल्दी और ज्यादा मिल जाता है. क्योंकि यहाँ
के बिज़नेस ओवेनेर को इसकी जरूरत है. - यदि छोटे शहरो की बात करें तो यहाँ काम कम मिलता है.
- कई ऐसे वेबसाइट हैं जहाँ से बिड कर काम लिया जा सकता है. जैसे : Fiverr, Odesk, फ्रीलांसर्स.
कस्टमर रेफेन्स से ही कस्टमर मिलता है. इसीलिए जिसका भी काम करें मन लगाकर करें या नहीं करें.किसी को भी
अँधेरे में रखना गलत बात है. जिस कीवर्ड पर कस्टमर अपने वेबसाइट को रैंक करवाना चाहता है यदि वह आपसे
संभव है तो करें या बिज़नेस ओनर को साफ – साफ बता दें.
डिजिटल मार्केटिंग में चुनौतियां
- डिजिटल चैनल्स कई डिजिटल चैनल्स की वजह से प्रोफेशनल को कई तरीके से काम करना पड़ता है जो प्रोफेशनल के लिए थोडा मुश्किल का काम होता है.
- कम्पटीश डिजिटल चैनल्स ट्रेडिशनल ऐड्वॅरटाइसमेन्ट की तुलना में ज्यादा सस्ते हैं जिससे इसका इस्तेमाल करना किसी भी बिज़नेस साइज के लोगों के लिए आसान है. इसलिए अब कंस्यूमर अटेंशन को ट्रैक कर पाना भी मुश्किल हो गया है.
- डाटा वॉल्यूम कई डिजिटल चैनल होने की वजह से डाटा भी बहुत ज्यादा हो जाता है. जिसे हैंडल करना भी मुश्किल काम है. साथ सही डाटा का खोज करना भी बहुत बड़ी चुनौती है.
डिजिटल मार्केटिंग एसेट्स
एसेट्स का मतलब है डिजिटल मार्केटिंग के लिए प्रोफेशनल और बिज़नेस ओनर को किन चीज़ की जरूरत होती है.
कुछ लिस्ट है जो नीचे शेयर कर रहा हूं.
- वेबसाइट.
- ब्लॉग पोस्ट्स.
- ईबुक्स.
- वाइट पेपर्स.
- इन्फोग्राफिक्स.
- इंटरैक्टिव टूल्स.
- सोशल मीडिया चैनल्स (फेसबुक, लिंकडइन, टुइटर, इंस्टाग्राम ).
- Earned ऑनलाइन कवरेज (PR, social media, और reviews).
- ऑनलाइन ब्रोचुरेस.
- ब्रांडिंग एसेट्स (logos, fonts).
डिजिटल मार्केटिंग का पयोग
डिजिटल युग में लोग कैब , होटल , फ़ूड , डेपार्टमेंट प्रोडक्ट्स के साथ साथ सब्जी भी ऑनलाइन खरीद रहे है.
ऐसे भी सभी बिज़नस को प्रमोट करने के किये डिजिटल मार्केटिंग का इस्तेमाल किया जाता है. होर्डिंग या न्यूज़ पेपर,
में ऐड् देकर रिलेटेड ग्राहकों को टारगेट कर पाना बहुत मुश्किल काम है. लेकिन डिजिटल का इस्तेमाल रिलेटेड
ग्राहकों को टारगेट करने के लिए ही किया जाता है. मार्किट में दो तरह का बिज़नेस है.
- बी 2 बी (बिज़नेस 2 बिज़नेस ) बी 2 बी का मतलब है ऐसा प्रोडक्ट और सर्विस जो बिज़नेस ओनर को दिया जाता है. जैसे वेब डिजाइनिंग, डिजिटल मार्केटिंग, ऑफिस स्टेशनरी, सॉफ्टवेयर. इसमें बिज़नेस ओनर अपना प्रोडक्ट और सर्विस बेचने के लिए दुसरे बिज़नेस ओनर कंपनी को टारगेट करता है.
- बी 2 सी के लिए बी 2 सी का मतलब कंपनी का प्रोडक्ट और सर्विस डायरेक्ट ग्राहक के लिए है. जैसे कोचिंग क्लासेज डायरेक्ट ग्राहक को ही अपनी सर्विस देता है. टीवी फ्रीज , ए सी इसके शोरूम या डिस्ट्रीब्यूटर डायरेक्ट एन्ड यूजर को ही सामान बेचता है.
डिजिटल मार्केटिंग स्टेप्स
डिजिटल मार्केटिंग से डेसिरड रिजल्ट के लिए कुछ टिप्स हैं जिन्हें जानना अति आवश्यक है. इसे आप
डिजिटल मार्केटिंग में उसे किये जाने वाले टर्म्स भी कह सकते हो.
- सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (एस ई ओ)
इस प्रोसेस से वेबसाइट को ऑप्टिमाइज़ किया जाता है जिससे सर्च इंजन में अच्छा रैंक मिल सकें.
वेबसाइट और ब्लॉग पर चार तरह का ट्रैफिक आता है. आर्गेनिक, सोशल, रेफरल और डायरेक्ट.
इन सभी में से आर्गेनिक ट्रैफिक सबसे अच्छा है. आर्गेनिक ट्रैफिक के लिए एस ई ओ बहुत जरूरी है.
- कंटेंट मार्केटिंग
आज से कुछ वर्ष पहले टीवी पर ऐड्वॅरटाइस आते ही यूजर चैनल चेंज कर देता था. जिसके बाद 2 मिनट का
ब्रेक आने लगा. लेकिन फिर भी यूजर चैनल चेंज कर देता है. यूट्यूब पर कोई वीडियो देखते
समय भी ऐड् आता है तो यूजर उसे स्किप कर देता है. इसके बाद कंटेंट ऐड् आया मतलब इनफार्मेशन के
बीच में ही ऐड् दिखाया जाने लगा. जैसे किसी मूवी में कोका -कोला का चैने दिखाया जाता है. यह भी ऐड् ही है. इस तरह के ऐड् को कंटेंट ऐड् कहा जाता है. प्रोडक्ट रिव्यु भी ऐड् का ही एक पार्ट है.
- इनबाउंड मार्केटिंग
इसका मतलब ‘फुल -फ्यूनल ’ एप्रोच होता है जिसमें ऑनलाइन कंटेंट के इस्तमाल से यूजर को अट्रैक्ट
किया जाता है. जिससे उन्हें यूजर से ग्राहक बनाया जाता है.
- सोशल मीडिया मार्केटिंग
आज कई सोशल मीडिया वेब्सीटेस है जिसके मदद से ब्रांड अपना ब्रांडिंग और प्रोडक्ट प्रमोशन कर रहा है.
इससे अवेयरनेस बढ़ने में हेल्प मिलता है. किसी यूजर को प्रोडक्ट या सर्विस सेल करने से पहले उसके बारें
में सभी बैटन को बताया जाता है. इसका परोस और कोन्स क्या है. इसका उसे कब, कैसे और कहाँ किया जा सकता है.
- पेय-पर-क्लिक (पी पी सी)
यह ऐड्वॅरटाइसमेन्ट का बहुत ही अच्छा तरीका है. इसमें सक्सेसफुल सेल के लिए ही पेय करना पड़ता है.
सक्सेसफुल सेल का मतलब पर क्लिक के लिए पब्लिशर को पेय किया जाता है. इसके लिए गूगल
ऐड्वॅर्ड का इस्तेमाल किया जाता है.
- एफलिसिएट मार्केटिंग
यह परफॉरमेंस बेस्ड ऐडवर्टिज़मेंट है जिसमें कमीशन मिलता है. एफलिसिएट लिंक से जितना सेल
होगा उतना कमिशन मिलेगा. लगभग सभी इ-कॉमर्स कंपनी एफलिसिएट मार्केटिंग का ऑप्शन देती है.
- नेटिव ऐडवर्टिज़मेंट
यह कंटेंट -बेस्ड ऐड है. जैसे तबूला, रवकन्टेन्ट, ऐड नाउ, एडजेब्रा कंटेंट. ऐड यह सभी
वेबसाइट नेटिव ऐड देती है. यह सी पी एम (कॉस्ट पर मील) और सी पी सी (कॉस्ट पर क्लिक) दोनों तरीके से पब्लिशर को पेय करती है.
उम्मीद करता हूँ डिजिटल मार्केटिंग क्या है, डिजिटल मार्केटिंग कैसे काम करता है,
डिजिटल मार्केटिंग से पैसे कैसे कमाए इसके बारें में सभी जानकारी आपको मिल चुका है. लेकिन, अब भी
कोई सवाल हो तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं. हमारी कोशिश है आप तक सभी जानकारी हिंदी भाषा में पहुँचाना.